द्वयोस्त्रयाणां पञ्चानां मध्ये गुल्मं अधिष्ठितम् । तथा ग्रामशतानां च कुर्याद्राष्ट्रस्य संग्रहम् ।

इसलिए दो, तीन, पाँच और सौ गांव के बीच में एक राज – स्थान रख के जिसमें यथा योग्य भृत्य और कामदार आदि राजपुरूषों को रख कर सब राज्य के कार्यों को पूर्ण करे ।

(स० प्र० षष्ठ समु०)

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