ध्यानिकं सर्वं एवैतद्यदेतदभिशब्दितम् । न ह्यनध्यात्मवित्कश्चित्क्रियाफलं उपाश्नुते

. यह जो कुछ पहले कहा गया है यह सब ही ध्यानयोग के द्वारा सिद्ध होने वाला है अध्यात्मज्ञान से रहित कोई भी व्यक्ति उपर्युक्त कर्मों के फल को नहीं पा सकता ।

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