न चोत्पातनिमित्ताभ्यां न नक्षत्राङ्गविद्यया । नानुशासनवादाभ्यां भिक्षां लिप्सेत कर्हि चित्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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