अपराजितां वास्थाय व्रजेद्दिशं अजिह्मगः । आ निपाताच्छरीरस्य युक्तो वार्यनिलाशनः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *