Adhyay : 5 Mantra : 86 Back to listings आचम्य प्रयतो नित्यं जपेदशुचिदर्शने । सौरान्मन्त्रान्यथोत्साहं पावमानीश्च शक्तितः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related