अनुमन्ता विशसिता निहन्ता क्रयविक्रयी । संस्कर्ता चोपहर्ता च खादकश्चेति घातकाः

मारने की आज्ञा देने वाला मांस को काटने, वाला पशु को मारने वाला पशुओं को मारने के लिए मोल लेने और बेचने वाला पकाने वाला परोसने वाला और खाने वाला ये सब हत्यारे और पापी हैं ।

‘‘अनुमति – मारने की आज्ञा देने, मांस के काटने, पशु आदि के मारने, उनको मारने के लिए लेने और बेचने, मांस के पकाने, परोसने और खाने वाले, आठ मनुष्य घातक -हिंसक अर्थात् ये सब पापकारी हैं ।’’

(द० ल० गो० ४११)

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