न भक्षयति यो मांसं विधिं हित्वा पिशाचवत् । न लोके प्रियतां याति व्याधिभिश्च न पीड्यते

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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