नाकृत्वा प्राणिनां हिंसां मांसं उत्पद्यते क्व चित् । न च प्राणिवधः स्वर्ग्यस्तस्मान्मांसं विवर्जयेत्

प्राणियों की हिंसा किये बिना कभी मांस प्राप्त नहीं होता और जीवों की हत्या करना सुखदायक नहीं है इस कारण मांस नहीं खाना चाहिए ।

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