Adhyay : 5 Mantra : 39 Back to listings यज्ञार्थं पशवः सृष्टाः स्वयं एव स्वयंभुवा । यज्ञोऽस्य भूत्यै सर्वस्य तस्माद्यज्ञे वधोऽवधः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related