Adhyay : 5 Mantra : 37 Back to listings कुर्याद्घृतपशुं सङ्गे कुर्यात्पिष्टपशुं तथा । न त्वेव तु वृथा हन्तुं पशुं इच्छेत्कदा चन Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related