चिरस्थितं अपि त्वाद्यं अस्नेहाक्तं द्विजातिभिः । यवगोधूमजं सर्वं पयसश्चैव विक्रिया ।

द्विजातियों को जौ और गेहूं से बने पदार्थ तथा दूध के विकार से बने खोया, मिठाई आदि पदार्थ घृत आदि चिकनी वस्तु के मेल से न बने हों तो भी देर से बने हुए भी खा लेने चाहिए ।

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