Adhyay : 5 Mantra : 19 Back to listings छत्राकं विड्वराहं च लशुनं ग्रामकुक्कुटम् । पलाण्डुं गृञ्जनं चैव मत्या जग्ध्वा पतेद्द्विजः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related