एवं वृत्तां सवर्णां स्त्रीं द्विजातिः पूर्वमारिणीम् । दाहयेदग्निहोत्रेण यज्ञपात्रैश्च धर्मवित् । ।

. इस पूर्वोक्त आचरण का पालन करने वाली स्त्री को यदि वह पति से पहले ही मर जाये तो धर्म का जानने वाला व्यक्ति यज्ञपात्रों का प्रयोग करके उसी प्रकार अग्नि होत्र विधि से उसका दाहसंस्कार करे ।

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