Adhyay : 5 Mantra : 147 Back to listings बालया वा युवत्या वा वृद्धया वापि योषिता । न स्वातन्त्र्येण कर्तव्यं किं चिद्कार्यं गृहेष्वपि । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related