एषां शौचविधिः कृत्स्नो द्रव्यशुद्धिस्तथैव च । उक्तो वः सर्ववर्णानां स्त्रीणां धर्मान्निबोधत ।

यह सब वर्णों के लिए सम्पूर्ण शरीर – शुद्धि और उसी प्रकार पदार्थों की शुद्धि तुम्हें कहीं अब स्त्रियों के धर्मों – कत्र्तव्यों को सुनो ।

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