Adhyay : 5 Mantra : 133 Back to listings मक्षिका विप्रुषश्छाया गौरश्वः सूर्यरश्मयः । रजो भूर्वायुरग्निश्च स्पर्शे मेध्यानि निर्दिशेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related