Adhyay : 5 Mantra : 130 Back to listings नित्यं आस्यं शुचि स्त्रीणां शकुनिः फलपातने । प्रस्रवे च शुचिर्वत्सः श्वा मृगग्रहणे शुचिः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related