Adhyay : 5 Mantra : 13 Back to listings प्रतुदाञ् जालपादांश्च कोयष्टिनखविष्किरान् । निमज्जतश्च मत्स्यादान्सौनं वल्लूरं एव च Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related