नित्यं शुद्धः कारुहस्तः पण्ये यच्च प्रसारितम् । ब्रह्मचारिगतं भैक्ष्यं नित्यं मेध्यं इति स्थितिः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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