क्षौमवच्छङ्खशृङ्गाणां अस्थिदन्तमयस्य च । शुद्धिर्विजानता कार्या गोमूत्रेणोदकेन वा

शंख, सींग, हड्डी, दांत, इन से बने पदार्थों की शुद्धि बुद्धिमान् व्यक्ति को छाल के वस्त्रों के समान अथवा गोमूत्र और पानी से करनी चाहिए ।

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