चरूणां स्रुक्स्रुवाणां च शुद्धिरुष्णेन वारिणा । स्फ्यशूर्पशकटानां च मुसलोलूखलस्य च ।

वृत आदि की चिकनाई लगे पात्रों की शुद्धि की विधि है -) चरू, स्त्रुक, स्त्रुव, स्फ्य, छाज, शकट और मूसल – ऊखल नामक यज्ञपात्रों की शुद्धि गर्म जल से धोने से होती है ।

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