मृत्तोयैः शुध्यते शोध्यं नदी वेगेन शुध्यति । रजसा स्त्री मनोदुष्टा संन्यासेन द्विजोत्तमाः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *