Adhyay : 5 Mantra : 104 Back to listings न विप्रं स्वेषु तिष्ठत्सु मृतं शूद्रेण नाययेत् । अस्वर्ग्या ह्याहुतिः सा स्याच्छूद्रसंस्पर्शदूषिता । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related