Adhyay : 5 Mantra : 102 Back to listings यद्यन्नं अत्ति तेषां तु दशाहेनैव शुध्यति । अनदन्नन्नं अह्नैव न चेत्तस्मिन्गृहे वसेत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related