Adhyay : 4 Mantra : 82 Back to listings न संहताभ्यां पाणिभ्यां कण्डूयेदात्मनः शिरः । न स्पृशेच्चैतदुच्छिष्टो न च स्नायाद्विना ततः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related