अधितिष्ठेन्न केशांस्तु न भस्मास्थिकपालिकाः । न कार्पासास्थि न तुषान्दीर्घं आयुर्जिजीविषुः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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