अचक्षुर्विषयं दुर्गं न प्रपद्येत कर्हि चित् । न विण्मूत्रं उदीक्षेत न बाहुभ्यां नदीं तरेत्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *