बालातपः प्रेतधूमो वर्ज्यं भिन्नं तथासनम् । न छिन्द्यान्नखरोमाणि दन्तैर्नोत्पाटयेन्नखान्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *