न भुञ्जीतोद्धृतस्नेहं नातिसौहित्यं आचरेत् । नातिप्रगे नातिसायं न सायं प्रातराशितः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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