Adhyay : 4 Mantra : 55 Back to listings नाश्नीयात्संधिवेलायां न गच्छेन्नापि संविशेत् । न चैव प्रलिखेद्भूमिं नात्मनोऽपहरेत्स्रजम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related