Adhyay : 4 Mantra : 49 Back to listings तिरस्कृत्योच्चरेत्काष्ठ लोष्ठपत्रतृणादिना । नियम्य प्रयतो वाचं संवीताङ्गोऽवगुण्ठितः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related