नोपगच्छेत्प्रमत्तोऽपि स्त्रियं आर्तवदर्शने । समानशयने चैव न शयीत तया सह ।

कामातुर होता हुआ भी मासिक धर्म के दिनों में स्त्री से उपभोग न करे और उसके साथ एक बिस्तर पर न सोये ।

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