Adhyay : 4 Mantra : 38 Back to listings न लङ्घयेद्वत्सतन्त्रीं न प्रधावेच्च वर्षति । न चोदके निरीक्षेत स्वरूपं इति धारणा । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related