नेक्षेतोद्यन्तं आदित्यं नास्तं यान्तं कदा चन । नोपसृष्टं न वारिस्थं न मध्यं नभसो गतम् ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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