आसनाशनशय्याभिरद्भिर्मूलफलेन वा । नास्य कश्चिद्वसेद्गेहे शक्तितोऽनर्चितोऽतिथिः

अतिथिसत्कार का  विधान

. इस गृहस्थी के घर में कोई भी अतिथि शक्ति के अनुसार आसन, भोजन, बिछौना आदि से अथवा जल, कन्दमूल और फल आदि से बिना सत्कार किये न रहे अर्थात् यथाशक्तिसब का सत्कार करना चाहिये ।

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