Adhyay : 4 Mantra : 28 Back to listings नवेनानर्चिता ह्यस्य पशुहव्येन चाग्नयः । प्राणानेवात्तुं इच्छन्ति नवान्नामिषगर्धिनः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related