Adhyay : 4 Mantra : 254 Back to listings यादृशोऽस्य भवेदात्मा यादृशं च चिकीर्षितम् । यथा चोपचरेदेनं तथात्मानं निवेदयेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related