क्यों कि परलोक में न माता, पिता, न पुत्र, न स्त्री, न ज्ञाति सहाय कर सकते हैं, किन्तु एक धर्म ही सहायक होता है ।
(स० प्र० चतुर्थ समु०)
क्यों कि परलोक में न माता, पिता, न पुत्र, न स्त्री, न ज्ञाति सहाय कर सकते हैं, किन्तु एक धर्म ही सहायक होता है ।
(स० प्र० चतुर्थ समु०)