Adhyay : 4 Mantra : 222 Back to listings भुक्त्वातोऽन्यतं अस्यान्नं अमत्या क्षपणं त्र्यहम् । मत्या भुक्त्वाचरेत्कृच्छ्रं रेतोविण्मूत्रं एव च । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related