Adhyay : 4 Mantra : 213 Back to listings अनर्चितं वृथामांसं अवीरायाश्च योषितः । द्विषदन्नं नगर्यन्नं पतितान्नं अवक्षुतम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related