पंच्चयज्ञों के पालन का निर्देश –
ऋषियज्ञ, देवयज्ञ, बलि – वैश्वदेवयज्ञ, अतिथियज्ञ और पितृयज्ञ इनको सदा ही जहां तक हो कभी न छोड़े ।
पंच्चयज्ञों के पालन का निर्देश –
ऋषियज्ञ, देवयज्ञ, बलि – वैश्वदेवयज्ञ, अतिथियज्ञ और पितृयज्ञ इनको सदा ही जहां तक हो कभी न छोड़े ।