बकव्रतिक का लक्षण –
कीत्र्ति के लिए नीचे दृष्टि रखे ईश्र्यक, किसी ने उस का पैसा भर अपराध किया हो तो उसका बदला प्राण तक लेने को तत्पर रहे चाहे कपट, अधर्म, विश्वासघात क्यों न हो अपना प्रयोजन साधने में चतुर चाहे अपनी बात झूठी क्यों न हो परन्तु हठ कभी न छोडे झूठ – मूठ ऊपर से शील, सन्तोष और साधुता दिखलावे, उस को बगुले के समान नीच समझो ।
(स० प्र० चतुर्थ समु०)