जैसे पत्थर की नौका में बैठकर जल में तरने वाला डूब जाता है वैसे अज्ञानी दाता और गृहीता दोनों अधोगति अर्थात् दुःख को प्राप्त होते हैं ।
(स० प्र० चतुर्थ समु०)
जैसे पत्थर की नौका में बैठकर जल में तरने वाला डूब जाता है वैसे अज्ञानी दाता और गृहीता दोनों अधोगति अर्थात् दुःख को प्राप्त होते हैं ।
(स० प्र० चतुर्थ समु०)