जो धर्म से प्राप्त हुए धन का उक्त तीनों को देना है वह दान दाता का नाश इसी जन्म और लेने वाले का नाश परजन्म में करता है ।
(स० प्र० चतुर्थ समु०)
जो धर्म से प्राप्त हुए धन का उक्त तीनों को देना है वह दान दाता का नाश इसी जन्म और लेने वाले का नाश परजन्म में करता है ।
(स० प्र० चतुर्थ समु०)