Adhyay : 4 Mantra : 192 Back to listings न वार्यपि प्रयच्छेत्तु बैडालव्रतिके द्विजे । न बकव्रतिके पापे नावेदविदि धर्मवित् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related