Adhyay : 4 Mantra : 181 Back to listings एतैर्विवादान्संत्यज्य सर्वपापैः प्रमुच्यते । एतैर्जितैश्च जयति सर्वांल्लोकानिमान्गृही Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related