कत्र्तव्य – अकत्र्तव्य कर्म का मानदण्ड –
जिस कर्म के करने से मनुष्य की आत्मा को संतुष्टि एवं प्रसन्नता अनुभव हो उस – उस कर्म को प्रयत्नपूर्वक करे जिससे संतुष्टि एवं प्रसन्नता न हो उस कर्म को न करे ।
कत्र्तव्य – अकत्र्तव्य कर्म का मानदण्ड –
जिस कर्म के करने से मनुष्य की आत्मा को संतुष्टि एवं प्रसन्नता अनुभव हो उस – उस कर्म को प्रयत्नपूर्वक करे जिससे संतुष्टि एवं प्रसन्नता न हो उस कर्म को न करे ।