धर्माचरण से दीर्घायु आचार से उत्तम सन्तान आचार से अक्षय धन प्राप्त होता है धर्माचरण बुरे अधर्मयुक्त लक्षणों का नाश कर देता है ।
‘‘धर्माचरण ही से दीर्घायु, उत्तम प्रजा और अक्षय धन मनुष्य को प्राप्त होता है और धर्माचरण बुरे अधर्मयुक्त लक्षणों का नाश कर देता है ।’’
(सं० वि० गृहाश्रम प्र०)
‘‘इसलिये मिथ्याभाषणादि रूप अधर्म को छोड़ जो धर्माचार अर्थात् ब्रह्मचर्य जितेन्द्रियता से पूर्ण आयु और धर्माचार से उत्तम प्रजा तथा अक्षय धन को प्राप्त होता है तथा जो धर्माचार में वत्र्तकर दुष्ट लक्षणों का नाश करता है उसके आचरण को सदा किया करे ।’’
(स० प्र० चतुर्थ समु०)