गृहस्थन्तर्गत आजीविका – सम्बन्धी कर्तव्य –
१. द्विज – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य पहले आयु के चौथाई भाग तक (कम से कम पच्चीस वर्ष पर्यन्त) गुरू के समीप रहकर अर्थात् गुरूकुल में रहते हुए अध्ययन और ब्रह्मचर्यपालन करके आयु के दूसरे भाग में विवाह करके आयु के दूसरे भाग में विवाह करके घर में निवास करे ।