एवं यः सर्वभूतानि ब्राह्मणो नित्यं अर्चति । स गच्छति परं स्थानं तेजोमूर्तिः पथा र्जुना

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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